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मनोज मुंतशिर की भावनात्मक अपील: पहलगाम हमले को न भूलने की चेतावनी

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मनोज मुंतशिर की अपील

नई दिल्ली, 25 अप्रैल। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकवादी हमले की व्यापक निंदा की जा रही है। इस बीच, शुक्रवार को प्रसिद्ध लेखक मनोज मुंतशिर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक वीडियो साझा किया, जिसमें उन्होंने लोगों से इस घटना को याद रखने की अपील की।


मनोज मुंतशिर ने देशवासियों से कहा, "तुम भूल जाओगे, जैसे मुर्शिदाबाद, दिल्ली, और कोलकाता को भुला दिया गया... पहलगाम को भी भुला दोगे। कल जो दर्द था, आज नहीं है, और आज जो है, वह कल नहीं रहेगा। फिर नफरत के नक्शे पर कोई और शहर खून से लाल हो जाएगा। यह इसलिए नहीं कि नफरत शक्तिशाली है, बल्कि इसलिए कि तुम्हारी याददाश्त कमजोर है। अगर तुम अपने बच्चों के लिए एक सुरक्षित भविष्य छोड़ना चाहते हो, तो इस वीडियो को मत देखो।"


एशान्या का जिक्र करते हुए, जिन्होंने अपने पति शुभम को खोया, मुंतशिर ने कहा, "एशान्या के हाथों से मेहंदी भी नहीं छूटी थी और मांग से सिंदूर गिर गया। शुभम, जो नीली शर्ट पहने थे, को इस्लामी आतंकवादियों ने गोली मार दी। वह दो दिनों तक खून से सनी हुई शर्ट पहनकर रोती रही। उस नीली शर्ट को मत भूलना।"


पुणे के संतोष का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा, "संतोष और उनकी पत्नी संगीता ने जान बचाने के लिए टेंट में छिपने की कोशिश की, लेकिन आतंकियों ने उन्हें बाहर खींच लिया। संगीता ने अपने माथे की बिंदी पोछकर खुद को बचाने की कोशिश की, लेकिन संतोष को बेरहमी से मार दिया गया। उस सुहागन की बिंदी को मत भूलना।"


12 वर्षीय तनुज का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, "तनुज अभी अपने पिता से कहानियां सुनने की उम्र में था, लेकिन अब उसका पिता कहानी बन गया। चेन्नई एयरपोर्ट पर जब पिता का शव आया, तो तनुज लिपटकर रो पड़ा... 'आई लव यू अन्ना, तुम हमेशा मेरे साथ रहोगे।' उन छोटे कंधों को मत भूलना।"


कर्नाटक के मंजूनाथ और बेंगलुरु के भारत भूषण का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, "मंजूनाथ पहली बार अपने परिवार के साथ हवाई जहाज में चढ़े थे, और उनकी लाश उसी हवाई जहाज से उतारी गई। बेंगलुरु के भारत भूषण ने आतंकियों से धर्म पूछा, और गर्व से कहा - 'हिंदू'। उनके शरीर में गोलियां उतारी गईं, जब तक वह गिर नहीं गए। भारत भूषण का अंतिम शब्द 'हिंदू' मत भूलना।"


वीडियो के अंत में मुंतशिर ने चेतावनी दी, "अगर तुम इस बार भी भूल गए, तो अपने अपनों की चिताओं के लिए फूल और अन्य चीजें संभालकर रखना।"


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